'सोन चिरैया' - श्री नवीन मिश्र जी
पर्वतो के पार्श्व से
रंगबिरंगी
मणियोँ का गोला लेकर
निकली सोन चिरैया
चहकती बलखाती
देवदारु दलोँ
पर मणिकण
बिखेरती
मंदाकिनी के दुग्ध धवल
वेग को
इन्द्रधनुषी वर्तुलोँ
से सजाती
आगे बढ़ी
फैला कर
दिव्य आलोक पंख
लो छुप गई फिर से
बादलोँ की ओट ..
- नवीन मिश्र
(२५ फ़रवरी २०१२)
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